
दुनिया के सबसे बुजुर्ग इंसान की सेहत का एक ऐसा अनोखा राज...
जो आपके पाचन तंत्र को पत्थर सा मजबुत बना सकता है!
( विश्वास करो या ना करो, ये राज आपकी आंतों में छुपा है )
Note:- Everything written here is based on the historical or scientific references. You can check these facts out in reference section at the bottom of the page google it.
Westminster Abbey इंग्लैण्ड की सबसे प्रसिद्ध चर्च है। इसकी शुरुआत 170 ईस्वी में हुई थी।
1850 साल पुरानी ये चर्च ईसाई धर्म की सबसे महान चर्च में से एक है।
लेकिन इसकी खास बात ये है कि इंग्लैंड के महान राजाओं, कवियों,लेखकों और न्युटन और स्टिफिन होकिंग जैसे वैज्ञानिकों, संगीतकारों और इतिहास के बहुत महान यौद्धाओं की कब्रें वहां पर मौजूद हैं।
लेकिन इस चर्च में एक ऐसा राज दफन है जो आपको लम्बी, निरोगी और ऊर्जा से भरी हुई जिंदगी दे सकता है! जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते!

कहानी कुछ ऐसे है कि
इस चर्च में बहुत सारे महान जाने माने शक्तिशाली शख्सियतों की कब्रें हैं लेकिन
इनमें से एक चोटी सी कब्र ऐसी है जो दुनिया में पैदा हुये सबसे बुजुर्ग इंसान की मानी जाती है।
उस इंसान का नाम था थोमस पर जो इंग्लैंड के सलूप राज्य में पैदा हुआ और
152 साल!
तक जीवित रहा।
उसने सिर्फ लम्बी जिंदगी ही नहीं जी बल्कि यौवन और ऊर्जा से भरे हुये जीवन का आनंद लिया।
आप ये जान कर हैरान हो जायेंगे कि थोमस पर ने पहली शादी 80 साल की उम्र में की थी।
और उनकी यौवन शक्ति और जोश का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हो कि
उन्होंने दूसरी शादी 1605 में 122 साल की उम्र में की।
और इससे भी अचंभित करने वाली बात यह है कि वह अपने पहले बच्चे के बाप 130 साल की उम्र में बने।
अगले कुछ पलो में आप थोमस पर के अविश्वसनीय स्वास्थ्य के उस राज से रूबरू होने वाले हो जो आपके पाचन तंत्र को पत्थर सा मजबूत और नसों में जमी हुई वसा को साफ कर सकता है।
थोमस पर के मरने के बाद, इंग्लैण्ड के सबसे बड़े चिकित्सक विलियम हार्वे (जिन्होंने रुधिर परिसंचरण(Circulation of blood) की खोज की थी) को राजा चार्लस ने जिम्मेदारी दी कि वह थोमस पर के शरीर के अंगों को निकाल कर देख सके कि इनकी इतनी लम्बी उम्र जीने का आखिर राज क्या है।
महान चिकित्सक हार्ले की रिपोर्ट लैटिन भाषा में लिखी हुई है और आज भी म्यूज़ियम में रखी हुई है, ताकि उसे कोई पढ़ना चाहे तो उसे पढ़ सके।
उस रिपोर्ट में ये साफ लिखा है कि थोमस पर के शरीर के हर अंग बिल्कुल सर्वश्रेष्ठ स्थिति में थे, जैसे कि एक बच्चे के होते हैं।

आप कितनी लम्बी उम्र तक जीओगे ये निर्भर करता है कि आपकी आंतें कितनी साफ और स्वस्थ है।
Nobel Prize Winner Elie Metchnikoff
ये बिल्कुल सच है और इसके अलावा दुसरा कोई रास्ता नहीं है जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत रहे और आप एक लम्बा और स्वस्थ जीवन जी पाओ।
और सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपकी आंतें साफ और स्वस्थ होनी चाहिये।
आप कभी ये सोच कर चिंतित हुये हो कि
आपका शरीर जितना बाहर से साफ है उतना अंदर से भी है।
हम हर रोज नहाते है, ब्रश करते हैं, बालों को अच्छी तरह से शेम्पु से धोते है।
नाखूनों को काटते है ताकि हम साफ और आकर्षक लग सकें।
और तो और हम हाथों को बार-बार सैनिटाईज करते हैं ताकि हम जानलेवा वायरस से बच सकें।
लेकिन हम ये ध्यान रखना भूल जाते हैं कि हम शरीर के अंदर से उतने ही साफ और स्वस्थ है भी या नहीं।
जब तक बीमारियां अपने लक्षण दिखा कर खतरे की घंटी ना बजा दें।
सच्चाई ये है कि हमारा पाचन तंत्र(खासकर आंतें) हमारे
शरीर का गंदा नाला है!

अगर आपको कब्ज गैस या जलन रहती है,
उम्र से पहले ही आपके चेहरे पर छाईंया और् झुर्रियां आ रही हैं,, शरीर में थकावट, मोटापा या खाना अच्छी तरह से नहीं पचता।
तो ये लगभग साफ है कि आपका पाचन तंत्र साफ और स्वस्थ नहीं है।
यद्यपि, हमारे शरीर की लगभग सभी बीमारियों की जडें आपको आंतों में ही मिलेंगी।
लेकिन इसमें आपकी कोई गलती नहीं है!
हम हर रोज ना जाने कितने खतरनाक बैक्टिरिया और केमिकल के बीच रहते हैं।
हम उन्हें जाने अनजाने कभी खाने में, कभी पीने के पानी में, कभी सांस लेते वक्त तो कभी डॉक्टर के द्वारा दी हुई दवाइयों के तौर पर
शरीर में जाने का मौका दे देते हैं।
ये केमिकल हमारे भारतीय खाने के साथ मिलकर खाने को अच्छी तरह से पचने नहीं देते।
जिसकी वजह से
खराब पाचन, वजन बढ़ना, थकावट, कमजोरी, होंठों का कालापन, मुंह से बदबू आना, त्वचा रोग और ना जाने कितनी खतरनाक बीमारियां शरीर में पनपना शुरु हो जाती हैं।
आंतों में फंसे हुये विषैले तत्व और अशिष्ट पदार्थ परजीवीयों के रहने के लिये सबसे अनुकूल जगह होती है।
नेशनल ज्योग्राफी मैगजीन के अनुसार
"परजीवीयों की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या इतिहास में युद्ध में मारे गये लोगों की संख्या से भी कई गुना ज्यादा है।"
नये शोध के अनुसार
माईग्रेन, दिमागी कमजोरी उनमें सबसे ज्यादा पायी गयी जिन्हें पेट से संबंधित बीमारियां थी।
शायद इसलिये ही पेट को दुसरा दिमाग कहा जाता है।
इसकी वजह से आपका बार-बार मूड बदलना,
बेवजह का गुस्सा और चिड़चिड़ापन की वजह से आप एक अलग ही इंसान बन जाते हो।
मोटापा ना घटने का सबसे बडा कारण!
अगर आप मोटापे से निजात पाना चाहते हो तो सबसे पहला कदम है कि आपकी आंत साफ और स्वच्छ होनी चाहिये,
इसके बिना आप कितनी ही महंगा और बेहतर वेट लोस प्रोग्राम कर रहे हो वह नाकामयाब ही रहेंगे।
अभी हाल ही में उटाह विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शरीर में एक बाहरी तत्व सेरामाईड की खोज की।
उन्होंने अपनी खोज में ये पाया कि ये छोटा सा तत्व डायबिटिज, हार्ट अटैक और फैटी लीवर जैसी भयंकर बीमारियों की जड है।
क्योंकि सेरामाईड फैट सेल्स को हमारे खून के बहाव में धकेल देता है।
और ये फैट हमारे शरीर की नशों में घूमना शुरु हो जाता है।
जिसकी वजह से आपके शरीर के जरूरी अंग जैसे अग्न्याशय(Pancreas), लीवर और दिल बाधित होना शुरु हो जाते हैं।
लीवर के अच्छी तरह से काम ना करने की वजह से खाना अच्छी तरह से पच नहीं पाता
और आंतों में और ज्यादा विषैले तत्व और परजीवी पैदा होना शुरु हो जाते हैं।
यही फैट दिल की ध्वनियों और नशों में जमना शुरु हो जाता है और दिल से जूड़ी हुई बीमारियां और बढ जाती है।
आपका खराब पाचन क्या आपकी यौन शक्ति को भी प्रभावित करता है?..
University of Minnesota ने 69 पेट से संबंधित बीमारियों से परेशान लोगों पर एक शोध किया गया।
वो ये जान कर हैरान हो गये कि उनमें से 94% लोग शीघ्रपतन, नपुंसकता, जैसी गुप्त रोगों से भी ग्रस्त थे।
आप समझ सकते है आपका पाचन तंत्र और गुप्त अंगों के बिच कितना गहरा सम्बंध है।

एक ऐसा शानदार उपाय है जो आपको कब्ज गैस पेट में जलन, मुंह की दुर्गंध, मोटापा, IBS,, महिलाओं में ल्युकोरिया और पुरुषों में वीर्य जल्दी निकल जाना या वीर्य ना बनना, थकावट या याददाश्त कमजोर होना जैसी शरीर की बहुत सारी बीमारियों से निजात दिला सकता है।
University of east Anglia England के वैज्ञानिक इस खोज में लगे हुये थे कि सेरामाईड और जहरीले तत्वों को प्राकृतिक तरीके से शरीर से बाहर कैसे निकाला जाये।
उन्होंने देखा कि Phytonutrients पैदा करने वाली जडी-बूटियां और पौधे सेरामाईड को शरीर से बाहर करने में पुरी तरह से सक्षम हैं।
ये जडी-बूटियां एंटी ओक्सिडेंट भी होते है जिसकी वजह से शरीर से विषैले तत्व पुरी तरह से गायब हो जाते है और हमारा शरीर ऊर्जा से भरा रहता है।
घबराने की जरूरत नहीं है Phytonutrients पैदा करने वाली जडी-बूटियां, पौधों की कुछ चुनिंदा किसमें होती हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अनुसार, नीचे बतायी गयी 12 जडी-बूटियां Phytonutrients और Antioxidant
का सबसे बेहरीन स्त्रोत होती हैं
- Fight bacteria and fungiImprove cholesterol levels
- May lower blood pressure
- Combats peptic ulcers and relieves indigestion
- May prevent coughing and improve airflow
- To Stop Greying of Hair
- According to Ayurveda, it is potent AMANASHAK, which means it reduces toxin formation in the digestive canal restricting indigestion and malabsorption.
- boost testosterone in men
- control diabetesand blood sugar levels.
- increase interest in sex in men and women with a low sex drive.
- used to treat arthritis and muscle pains.
It has been widely used for arhritis,cramps sprains, sore throats rheumatism,muscular aches, pains, vomiting, constipation, indigestion,hypertension,dementia,fever and infectious diseases.
- contains antioxidents. Cuminum seeds contain naturally occuring substances that work as antioxidents...
- \Has anticancer properties.
- May help treat diarrhea
- helps control blood sugar
- fights bacteria and parasites.
- has a anti-inflammatory effect.
- may help lower cholestrol
- Aids in weight loss.
- Packed with Antioxidents
- may lower cholestrol
- could have cancer fighting properties.
- can help kill off bacteria.
- may alleviate inflammation.
- coud help protect the liver.
- can aid in blood sugar levels.
some research shows that taking Terminalia by mouth with conventional medications improves symtoms in people experiencing chest pain after a heart attack.
Its powder is a good astringent dentifrice in loose gums, bleeding and ulceration in gums. It is good to increase appetite, digestive aid, liver stimulant, stomachic, gastrointestinal prokinetic agent, and mild laxative. The powder of T. chebula fruits has been used in chronic diarrhea.
- In therapeutic doses it is used in the treatment of
- Asthma, copd, wheezing, breathing difficulty
- jaundice
- splenomegaly
- cough cold
- skin diseases boils nodules,
- wounds
- diabetes, urinary track disorders
- malformed fetus
- abdominal tumor, bloating
- ascites
- The herb also supports the good health of liver. It helps in the cleaning of liver by removal of toxins. Purgative action of this herb is quite beneficial in various stomach disorders like flatulence, indigestion and unsatisfactory bowel movements etc. This herb also helps to maintain the healthy cholesterol levels in body.
- Being purgative in nature,use of this herb is quite good in the arthritis.It helps to reduce the inflammation and swelling in joints.
- Bid Farewell to the Awful Kidney Stones with Citric Acid.
- Maintains a Healthy Body PH Value.
- Fire up Your Energy Levels.
- to make the nutrients get absorbed more quickly and efficiently into the digestive system.
- helps in the regeneration and repair of broken skin tissues. It rejuvenates the skin by making it soft and supple.
- cure of soreness and congestion of throat.
- Fennel can help you fight a range of gastrointestinal problems such as indigestion, colic, stomach ulcers, and irritable bowel syndrome.
- If a stubborn cough is making you miserable, fennel can step in. This herb works as an expectorant and helps expel mucus.
- Studies have found that it shows antibacterial activity against a range of bacteria such as Enterococci bacteria which can cause urinary tract infections, wound infections, and bacteremia.
- One study found that taking 30 mg of fennel extract 4 times a day for 3 days from the beginning of the menstrual period provided significant relief. The effect is attributed to fennel’s ability to inhibit uterine contractions, thus easing the pain and cramps associated with menstruation
- Some women suffer from the growth of dark, thick hair in areas such as the face, chest, buttocks, or chin – that is areas where men typically have hair. This is known as hirsutism and is usually associated with hormonal imbalances. Fennel can help tackle this condition.
It is useful in indigestion, loss of appetite and obesity. It is useful in hepatomegaly, spleenomegaly, jaundice and anaemia. It is also useful in acne, ringworm affection and for inflammatory skin conditions.
- Scientists have found that certain species of Phyllanthus may help prevent liver inflammation and damage.
- Phyllanthus has long been used in alternative medicine to prevent and treat kidney stones.
- Some scientists believe that phyllanthus has anti-tumor properties .
- It prevents hair loss, hair fall, dandruff and split ends, etc.
सोचो...
कितना शानदार होगा अगर इन असरदार 12 जडीबुटियों को सही मात्रा में मिलाकर मिश्रण को तैयार किया जाये।
और आप इसका फायदा उठा सको।
इसलिये...
हमारे अनुभवी और कुशल आयुर्वेद आचार्यों ने इन 12 जडीबुटियों को लंबे शोध के बाद मिलाकर एक अत्यधिक प्रभावी और पुरी तरह से सुरक्षित मिश्रण को बना कर तैयार किया जिसे आरोग्य चाय(28 DAY DETOX) के नाम से जाना जाता है।
सुबह और शाम को आपने आधी चम्मच आरोग्य चाय को एक गिलास पानी में उबाल लेना है और उसके बाद उसे ठंडा करके छान कर पी लेना है।
बिना किसी केमिकल फ्लेवर और 100% आयुर्वेदिक होने की वजह से इसका कोई स्वाद नहीं होता।
स्वाद के लिये आप शहद या नींबू भी मिला सकते हैं।

तो ये आपके शरीर में...
- उत्प्रेरक प्रभाव(Catalystic effect) को पैदा करता है। और एक चैन प्रक्रिया आपके शरीर में पैदा हो जाती है।
जिससे आंतों में फंसे हुये विषैले तत्व और अपशिष्ट पदार्थ(waste material) आपके शरीर से बाहर निकलना शुरु हो जाते हैं, जिसकी वजह से आपके शरीर की ऊर्जा दिन प्रतिदिन बढने लगती है,
और आपका मूड फ्रेश रहने लग जाता है।
- आपकी आंत पहले से ज्यादा अच्छी तरह से खाने में से जरूरी तत्वों को सोखने लग जाती है. आपकी आंतें और पेट साफ और स्वस्थ होने की वजह से पेट जलन(Acidity) से आपको आराम मिलता है और आप चैन की निंद सो पाते हो।
नसों में जमे हुये कलेस्ट्रोल को ये जडी-बूटियां मिल कर साफ कर देती है।
और आपके शरीर में एक नयी ऊर्जा का संचार होता है।
भारत की सबसे प्राचीन विधि जिसे करने के बाद ही काफी हॉलीवुड और बॉलीवुड सितारें अपनी शुबह की शुरुवात करते हैं !!
प्राचीन काल की एक विधि जिसे विदेशों में सबसे ज्यादा अमल में लाया जाता है वो है गुंडुश/कवलग्रह जिसे ऑयल पुल्लिंग भी कहते है।
ऑयल पुलिंग (Oil Pulling) का सीधा साफ शब्दों में अर्थ है अलसी के तेल से कुल्ला करना.
इस विधि में आपको सुबह ब्रश(Brush) करने से पहले एक चम्मच अलसी के तेल को मुंह में लेकर अच्छी तरह से 5-10 मिनट कुल्ला करना है और उसके बाद उसे सिंक में उलट देना है।
ध्यान रहे कि यह अंदर नहीं जाना चाहिये।
- इसकी वजह से शरीर में जमे खतरनाक विषैले तत्व आपके शरीर से बाहर हो जायेंगे।
- ये होटों के कालेपन को दुर करके उसे फिर से प्राकृतिक गुलाबीपन देता है।
- दांतों पर जमे पिलेपन को हटाकर दांतों को सफेद,चमकदार और मजबूत बनाता है।
- और लगातार करने से चेहरे की छाईंया(Blemishes), रूखेपन और झुर्रियां(Wrinkles) को हटाकर चेहरे के तेज को बढाने में काफी मददगार सिद्ध होता है।

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अगर आपने त्रिदोष के बारे में कभी सुना हो तो आपको मालुम होगा कि त्रिदोष को पूरे आयुर्वेद का निचोड कहा जाता है।
त्रिदोष के अनुसार हमारा शरीर पांच तत्वों का बना होता है।
भूमि, गगन, वायु, अग्नि और पानी।
ये पांच तरह के तत्व हमारे शरीर में तीन तरह के दोष(ध्यान रहे दोष का मतलब यहां पर कोई कमी नहीं है बल्कि प्रकृति है)
वात दोष, पित दोष, और कफ दोष।
अकेले वात दोष के बिग़डने की वजह से हमारे शरीर में 80 तरह की बीमारियां हो जाती है।
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